कमलेन्द्र को हार्दिक श्रद्धांजली
जीवंत थे तुम कमलेन्द्र,
सदा जीवंत ही रहोगे |
परमात्मा से जा मिले तो क्या,
मित्रों के लिए तो तुम,
आदि भी रहोगे
अनंत भी रहोगे ||
आज अश्रु हैं थोड़े से,
साथ बीती यादें आएँगी
तो ये भी न रहेंगे,
आज तुम न रहे तो क्या
कल हम भी तो न रहेंगे,
मिलेंगे उसी अनोखे जहाँ में,
मित्र तो हम वहां भी रहेंगे ||
– सुनील जी गर्ग
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