अमित अमिट हैं यादें बचपन की,
मेमोरी पंद्रह की हो या पचपन की |
अपनी छाप रखती है बनाये,
जन्मदिन पर तुम्हारे वो लम्हे याद आये |
डेस्क पर अक्सर बैठते थे साथ,
टोकते थे टीचर जब करते थे बात |
वही बातें आज, धरोहर बनीं हैं,
दोस्तों की वजह से ही आज हम धनी हैं.
जन्मदिवस शुभ हो अमित
– सुनील जी गर्ग
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