टीवी पर स्टीफेन हाकिंग पर कोई प्रोग्राम न दिखा तो सोचा एक
कविता से श्रद्धांजली देनी चाहिए .
नहीं रहा एक अंग्रेज,
नाम था स्टीफेन हाकिंग |
समझाया ब्रम्हांड को उसने,
की ब्लैक होल पर टॉकिंग ||
असमर्थ शरीर, समर्थ मस्तिष्क,
दिया ईश्वर को चैलेंज |
रिलेटिविटी को क्वांटम से मिलाया,
किया साइंस को चेंज ||
सुधर जाओ दुनिया वालों,
धरती नहीं रहेगी |
यही हमें समझाकर हारे,
ये कितना बोझ सहेगी ||
सोच थी आइंस्टीन से आगे
घमंड न था विद्या पर उनको |
विज्ञान का करें ठीक उपयोग,
सच्ची यही श्रद्धांजली उनको ||
– सुनील जी गर्ग
नोट:
आज वैज्ञानिक आइंस्टीन का
जन्म दिवस भी है.
(Written in memory of Stephen Hawking who passed away today)
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