शुभ हो सबको ये गणतंत्र,
हों सब खुश, यही है मंत्र |
भावनायों का हो सम्मान,
तभी बढ़ेगा देश का मान |
जाति, धर्म सब समझो एक,
एक है ईश्वर, देश है एक |
मेरे धर्म का नाम है भारत,
बचपन से है इसकी आदत|
राष्ट्रगान है प्रार्थना,
देव मेरा तिरंगा,
इसके तले ऐसा लगे,
नहा ली जैसे गंगा||
– सुनील जी गर्ग
Leave a Reply