नए/पुराने दोस्तों, नए साल पर भी दुआ में याद रखना, हमारे जिक्र का जुबाँ पे स्वाद रखना | नए साल की बधाई को पैगाम समझना, जल्दी मिलने की आरजू दिल में है न || सुनील जी गर्ग
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