सब प्रश्नों के उत्तर देकर
मौन आज वो सो रहे
ओज आपका रौशन अब भी
काहे हम सब रो रहे
आपने दी प्रेरणा सबको
आप केंद्र के सूरज थे
आप से रौशन थे हम सब
आप प्रेम की मूरत थे
सबको ढाढस देते थे
जब आती थी कठिनाई
आज हमें अब कौन संभाले
आपकी जब घड़ी आई
पर आपने सबको सब कुछ
खूब ठीक सिखाया है
आप कहीं भी रहे, हमें पता है
हमारे साथ सदा आपका साया है।
इच्छा शक्ति के धनी जीवन युद्ध के एक महान सेनानी मेरे बड़े मामाजी को मेरी भावभीनी श्रद्दांजलि
सुनील जी गर्ग
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