खुली हुई काली आँखों से भी कुछ नहीं दिखता, जब होता है अँधेरा, मन की बंद आँखों से भी दिखते हैं, रंग बिरंगे ख्वाब, क्योंकि वहां रहता है सदा ही सवेरा
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