कभी सारी सोच तुम्हीं को गयी थी बक्शी हम थे पैदल, मोटर नहीं थी नसीब राजा का बेटा ही नहीं बनेगा राजा अब मेहनत से हक़ पायेगा अमीर हो या गरीब
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