सांसें किसी की किसी के पास किसी को कुछ और सांस की आस कोई ज़्यादा पाया है फिर भी उदास अपने पास हैं नहीं इसीलिए बिंदास सांस निकलने के बाद आत्मा ने लिखी हो जैसे ये कविता
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