खुश तो रोज़ ही रहते हैं मग़र ,
आज खुशी थोड़ी ज्यादा है |
वतन की खातिर अब तो
कुछ कर गुजरने का इरादा है ||
अब माहौल बदला है देश का ,
धनात्मक बातें करने लगे हैं लोग |
आशा है काम पर भी पड़ेगा असर,
तभी मिट पाएंगे देश के सब रोग ||
कुछ पुरानी कड़वी बातें और यादें,
बिना लकीर पीटे मिटानी होंगी |
दिलों में जो टीस बची है कुछ के,
अपनेपन के मरहम से सहलानी होंगी ||
बस थोड़े लिखे को बहुत समझना ,
आज़ादी तो अपने से किया वादा है |
विचार कई पर उद्देश्य एक हो,
मिल कर मजबूत रहेंगे यही इरादा है ||
स्वतंत्रता दिवस व् रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनायें
Leave a Reply