अन्ना अजब तुम्हारा सपना
चाँद खिलौना मांगे हो
राज भोगने वाले कहते
तुम अपनी सीमा लांघे हो
जादू की छड़ी तुम्हारे पास
उनको ये मंजूर नहीं
तभी बहाना न होने का
कितने वो मजबूर सही
जाग उठा अब भारत सारा
चला तुम्हारा जादू
जागीं माता जागीं बहिना
जागे बच्चे जागे दादू
दरअसल मन हैं सबके भारी
भ्रष्टाचार के सभी शिकारी
धिक्कार कर लिया बहुत
अब अंतिम लड़ाई की बारी
चाहे रॉकेट पड़े बनाना
चाँद खिलौना ले आयेंगे
सविंधान का वही बहाना
न बनाने देंगे न बनायेंगे
– सुनील जी गर्ग
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