आज यूं मनी होली।
कुछ नमस्ते करते थे, कुछ राधे राधे,
कुछ गले पड़ कर मिल भी लिए
ठंडाई कांजी भी चली खूब खूब
सैनिटाज़र भी दिखा धोने के लिए।।
जब गीत गाये तो उनमें भी आ गयी उमंग,
चुन्नी भी भीगी जब मग से उड़ेला पानी।
होली की मैं धीरे धीरे चढ़ी दीवानों को,
ढोलक की थाप से भाग गए सब कोरोना कॉरोनी।
सबको होली शुभ हो।
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