विक्रम संवत बीस सतहत्तर,
आज हो गया प्रारम्भ
शुभ दिन समझो शुरू हुए
मन से भ्रम दूर करो अविलंब
एक किस्म का ध्यान है ये भी
रहना कुछ दिन घर के अंदर
कुछ कर्म मगर करते ही रहना
जीवन न रुके ये चले निरंतर
ऐसा है माहौल अजब सा
ये सदियाँ याद करेंगी
मगर इससे उबरने वालों को
बेहतर इंसान तैयार करेंगी
यकीन मानिए कल हम
जुड़े होंगे प्रकृति से ज़्यादा
चलिए आज इस नए साल पर
कर लें खुद से ये वादा
शुभ नव संवत्सर
सुनील जी गर्ग
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