* एक नास्तिक का मासूम प्रश्न *
हे प्रेममयी कृष्ण, अटल अडिग शिव,
मर्यादित श्रीराम, और सेवक हनुमान,
पूजा-वूजा न ज्यादा करवाइये अपनी,
ये गुण कैसे आयें, बतलाइये भगवान ||
* एक आस्तिक का सरल सा उत्तर *
पूजा तो, खुद से जुड़ने का इक साधन,
चाहते हो गुण, तो गुणवान को दो मान्यता,
भक्ति भी इक तरीका है, सीखने का आचरण
कैसे भी अपने भीतर जाने का चुनो रास्ता ||
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